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वेबलेन सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिक दशाओं को प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी मानते हैं| उनके अनुसार प्रौद्योगिकीे ही समाज की संस्कृति को निर्धारित करती है| इसलिए उन्हें प्रौद्योगिक निर्धारणवादी (Technological deterministic) कहा जाता है|
वेबलेन के अनुसार सामाजिक परिवर्तन दो वर्गों के बीच विद्यमान संघर्ष पर निर्भर करता है| एक वर्ग जो पुरानी व्यवस्था बनाए रखना चाहता है और दूसरा वर्ग जो नई प्रौद्योगिकी के साथ परिवर्तन चाहता है| मार्क्स के विपरीत वेबलेन मानते हैं कि आवश्यक नहीं की सभी समाज का इतिहास वर्ग संघर्ष ही हो| मार्क्स ने जहाँ मालिक एवं मजदूर के बीच संघर्ष के बाद सामाजिक परिवर्तन की बात की, वहीं वेबलेन के अनुसार संघर्ष वर्तमान सामाजिक संस्थाओं एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के बीच होता है, जिससे समाज में परिवर्तन आता है|
अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए वेबलेन मानवीय विशेषताओं को दो भागों में विभाजित करते हैं –
(1) स्थिर विशेषताएँ – स्थिर विशेषताओं का संबंध मनुष्य की मूल प्रवृत्तियों एवं प्रेरणाओं से है, जिसमें बहुत कम परिवर्तन सम्भव होता है|
(2) परिवर्तनशील विशेषताएँ – इसका संबंध मनुष्य की उन विशेषताओं से हैं, जिसमें परिवर्तन होता है, जैसे – धर्म, प्रथा, परम्परा, आदत, विचार, मनोवृत्ति आदि| वेबलेन के अनुसार सामाजिक परिवर्तन का संबंध मनुष्य की इसी विशेषता से है|
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वेबलेन के अनुसार मनुष्य अपनी आदतों द्वारा नियंत्रित होता है| ये आदतें किस प्रकार की होंगी, यह उसके भौतिक पर्यावरण पर निर्भर करता है| भौतिक पर्यावरण का तात्पर्य प्रौद्योगिकी से है| प्रौद्योगिकी में परिवर्तन होता है तो मनुष्य की आदतें भी बदलती है| मनुष्य जैसा करता है, वैसा ही सोचता है| आदतें ही धीरे-धीरे संस्थाओं का स्वरूप ग्रहण करती है| संस्थाएं ही सामाजिक संरचना का निर्माण करती हैं| इस तरह प्रौद्योगिकी द्वारा परिवर्तन से जब आदतों में परिवर्तन होता है तो सामाजिक संस्था एवं सामाजिक संरचना में भी परिवर्तन दिखायी देता है|
आलोचना
(1) आलोचकों के अनुसार वेबलेन ने मनुष्य को आदतों द्वारा नियंत्रित माना, जबकि वास्तव में मनुष्य विवेक से अधिक नियंत्रित होता हुआ दिखाई देता है|
(2) प्रौद्योगिक परिवर्तन ही समाज में परिवर्तन लाये, यह आवश्यक नहीं| क्योंकि धर्म, आध्यात्म, नैतिकता द्वारा भी समाज में परिवर्तन देखे गए हैं|
(3) आलोचकों के अनुसार सामाजिक परिवर्तन किसी एक कारक का परिणाम नहीं, बल्कि परिवर्तन के लिए आर्थिक, राजनैतिक आदि अन्य कारक भी उत्तरदाई होते हैं|
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि भले ही वेबलेन के सिद्धांत में कुछ कमियाँ हो, लेकिन वर्तमान समय में औद्योगिक क्षेत्र में मशीनों के प्रयोग के कारण समाज में व्यापक स्तर पर परिवर्तन दिखाई दिया है| इससे स्पष्ट है कि प्रौद्योगिकी सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है|
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Hii
Nice
Thank you Pulkesh
Vebln ki samajik parivartn ke sidhdant ki vekhya kijie
Ank
Hi
Nice for sociological knowledge
Thank you!