सामाजिक सीख तथा अनुकरण की प्रक्रिया
(Social Learning and Imitation Process)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] सामाजिक सीख (Social Learning) यह सीखने एवं सामाजिक व्यवहार की प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करता है कि नया व्यवहार अवलोकन एवं अनुकरण के पश्चात ही प्राप्त होता है| अवलोकन के अतिरिक्त सीख पुरस्कार एवं दण्ड से भी प्रभावित होता है जैसे – यदि किसी तरह के व्यवहार को हमेशा प्रशंसा एवं … Read more

समाजीकरण (Socialization)

समाजीकरण क्या है – मानव शिशु जब जन्म लेता है तो वह लोगों के साथ कैसे व्यवहार करे, इसके प्रति अचेतन रहता है| किंतु सीखने की क्षमता से युक्त होता है| अतः वह सामाजिक सम्पर्क द्वारा समाज की संस्कृति, मूल्यों, प्रतिमानों, विश्वासों, प्रथाओं आदि गुणों को सीखता है| सीखने की इसी प्रक्रिया को समाजीकरण कहते … Read more

सामाजिक नियंत्रण के साधन (Means of Social Control)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] सामाजिक नियंत्रण के साधनो में जनमत, प्रचार, पुरस्कार एवं दण्ड, भाषा, परिहास, कला आदि सम्मिलित हैं| जनमत (Public Opinion) जनमत का तात्पर्य विशाल जनसमूह द्वारा विवेकपूर्ण तरीके से व्यक्त किए गए विचार या निर्णय से हैं| जनसमूह सामान्य हितों के प्रति जागरुक होता है| व्यक्ति जनमत की अवहेलना नहीं कर पाता, इसलिए … Read more

सामाजिक नियंत्रण के साधन एवं अभिकरण
(Means and Agencies of Social Control)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] प्रत्येक समाज में नियंत्रण स्थापित करने के लिए अनेक अभिकरणों एवं साधनों का प्रयोग होता है| अभिकरण से तात्पर्य ऐसी सत्ता, समूह, समिति या संगठन से है जो नियमों का निर्माण करता है एवं इसके द्वारा व्यक्ति तथा समूह पर नियंत्रण स्थापित करता है| जिन नियमों के द्वारा कोई समूह या संगठन … Read more

आरक्षण (Reservation)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] आरक्षण (Reservation) से समानता या एक पंगु राष्ट्र की तरफ बढ़ता भारत आरक्षण के इतिहास पर गौर करें तो ब्रिटिश शासन द्वारा 1909 में मुस्लिमों को, 1919 में सिक्खों को एवं 1935 में दलितों को विधानसभाओं एवं स्थानीय निकायों की सीटों में आरक्षण का प्रावधान किया गया, जो राजनीतिक महात्वाकांक्षा से प्रेरित … Read more

सामाजिक नियंत्रण (Social Control)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] सामाजिक नियंत्रण वह क्रियाविधि है जिसके द्वारा एक समाज अपने सदस्यों एवं समूह के व्यवहार का नियमन (regulation) करता है| वस्तुतः व्यक्ति अधिक से अधिक अधिकार एवं सुविधाएं प्राप्त करना चाहता है, जिसके लिए समाज स्वीकृत साधन उपलब्ध होते हैं| लेकिन कभी-कभी अपनी इच्छाओं एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कुछ व्यक्ति … Read more

नगरीकरण (Urbanization)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] नगरीकरण का तात्पर्य नगरों के उद्भव, विकास, प्रसार एवं पुनर्गठन से है| जब एक स्थान पर उद्योग स्थापित हो जाता है, तो उस स्थान पर कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगती है तब वह स्थान धीरे-धीरे नगर के रूप में स्थापित हो जाता है| इसी प्रक्रिया को नगरीकरण कहते हैं| … Read more

औद्योगीकरण (Industrialization)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] मनुष्य अन्य सभी प्राणियों से श्रेष्ठ है| अपनी विकसित मस्तिष्क के कारण पशु जीवन से आगे बढ़ गया, तथा अविष्कारों को जन्म देकर सभ्य समाज की स्थापना की| इसी क्रम में बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण किया, जिसके द्वारा अत्यधिक मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन शुरु हुआ| इसे ही औद्योगीकरण नाम दिया गया| … Read more

सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन में अन्तर
(Difference between Social and Cultural Change)

  [wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] मानव समाज के संदर्भ में सामान्यतः समाज एवं संस्कृति की अवधारणा को पर्यायवाची समझा जाता है| लेकिन विशिष्ट एवं समाजशास्त्रीय अर्थों में समाज एवं संस्कृति की अवधारणा एक दूसरे से भिन्न है| समाज, सामाजिक संबंधों की एक व्यवस्था है, ये संबंध संस्थाओं द्वारा परिभाषित प्रस्थिति एवं भूमिका के अनुसार निर्धारित होते … Read more

माल्थस का जनसंख्या का सिद्धांत
(Malthusian theory of population)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] माल्थस ने अपनी पुस्तक एसे ऑन द प्रिंसिपल्स ऑफ पॉपुलेशन (Essay on the principles of population) में जनसंख्या का सिद्धांत प्रस्तुत करते हैं| जिसमें माल्थस जनसंख्या में वृद्धि तथा खाद्यान्न आपूर्ति के मध्य संबंधों की व्याख्या करते है| उनके सिद्धांत अनुसार खाद्य पदार्थों में पूर्ति की अपेक्षा जनसंख्या अधिक तेजी से बढ़ती है, … Read more

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