मार्गन का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत
(L.H. Morgan’s Theory of Social change)

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मार्गन ने अपनी पुस्तक एन्सिएन्ट सोसाइटी (Ancient Society) में सांस्कृतिक परिवर्तन के आधार पर सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या की है| उनके अनुसार संस्कृति एवं सभ्यता में होने वाला परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन के रूप में सामने आता है| परिवर्तन के आधार के रूप में उन्होंने आर्थिक गतिविधियाँ, विशेष उपकरण एवं सामाजिक संगठन को सम्मिलित किया| मार्गन ने जंगली अवस्था से लेकर सभ्य अवस्था तक समाज के उद्विकास को निम्न तीन भागों में विभाजित किया –

जंगली अवस्था (Savagery stage)

यह समाज का आरंभिक स्तर था| इस अवस्था में मार्गन ने संस्कृति के घटक के रूप में तकनीक को आधार बनाया एवं इसे तीन उप-स्तरों में विभाजित किया|

(i) निम्न अवस्था (Lower stage) – यह मनुष्य का सबसे आरंभिक स्तर था, इस अवस्था में लोग फलों एवं कन्द-मूल पर जीवन निर्वाह करते थे, तथा प्रौद्योगिकी का स्पष्ट विकास भी नहीं हो सका था|

(ii) मध्यम अवस्था (Middle stage) – इस अवस्था की शुरुआत मनुष्य के मछली मारने के उपकरण तैयार करने से हुई| लोग आग का उपयोग करना भी सीख गए थे|

(iii) उच्च अवस्था (Upper stage) – इस अवस्था की शुरुआत धनुष एवं बाण के अविष्कार से हुई| जिसका उपयोग मनुष्य शिकार करने के लिए करने लगा| इस स्तर पर मनुष्य के पारिवारिक जीवन की शुरुआत हुई, लेकिन यौन संबंधों में कोई नियम नहीं था|

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बर्बर अवस्था (Barbarism)

यह समाज के उद्विकास का दूसरा स्तर है| इसे भी मार्गन ने तीन उप-स्तरों में विभाजित किया –

(i) निम्न अवस्था (Lower stage) – इस स्तर की शुरुआत बर्तनों को बनाने एवं उपयोग करने से हुई| इस स्तर पर संपत्ति की धारणा का अविर्भाव हुआ| परिवार थोड़ा विकसित हुआ, लेकिन यौन संबंधों की स्वतंत्रता बनी रही|

(ii) मध्यम अवस्था (Middle stage) – इस स्तर की शुरुआत पशुओं को पालने तथा पेड़-पौधों को उगाने से हुई| आर्थिक लेन-देन के लिए वस्तु विनिमय की प्रथा की शुरुआत हुई| पारिवारिक लोगों के बीच के यौन संबंध के निश्चित नियम विकसित किए गए|

(iii) उच्च अवस्था (Upper stage) – इस अवस्था की शुरुआत लोहे को गलाने, उपकरण बनाने एवं प्रयोग करने से हुई| स्त्री-पुरुष के आधार पर श्रम विभाजन विकसित हुआ| इस स्तर पर बहु-पत्नी विवाह का प्रचलन हुआ|

सभ्य अवस्था (Civilization)

उद्विकासीय क्रम का यह सबसे उच्च स्तर है| इस स्तर की शुरुआत पढ़ने एवं लिखने के लिए ध्वनि और वर्णमाला के अविष्कार से शुरू हुई| इससे संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरण संभव हुआ| नगर का उद्भव हुआ| परिवार में यौन संबंध के नियम निश्चित हुए| मार्गन ने इस युग को विभिन्न स्तर में विभाजित न करके इतना कहा कि सभ्यता के उद्भव से लेकर आज तक इस युग का निरन्तर विकास हो रहा है| मॉर्गन आगे लिखते हैं कि एक समय ऐसा आएगा जब संपत्ति के स्वामित्त्व का स्थान बौद्धिकता ले लेगी|

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