Hanuman chalisa lyrics| hanuman chalisa likha hua
श्री हनुमान चालीसा का पाठ करते समय भक्त को शुद्ध लाल रंग का वस्त्र पहनना चाहिए| पाठ करते समय मुँह उत्तर या पूर्व की तरफ होना चाहिए| पूजा करते समय साधक को हनुमानजी की मूर्ति, फोटो या तांबे अथवा भोज पत्र पर अंकित किया हुआ यन्त्र सामने रखना चाहिए| Hanuman chalisa ka arth
प्रसाद में बूँदी के लड्डू, भुने हुए चने एवं नारियल चढ़ाना चाहिए| अब भक्त को सच्ची श्रद्धा एवं विश्वास से हनुमानजी का ध्यान करना चाहिए और नीचे लिखे गए श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स (Shri Hanuman chalisa lyrics) का पाठ करना चाहिए|
पाठ समाप्त होने पर भक्त को ‘ॐ हनु हनु हनु हनुमते नमः’ मंत्र का माला से 108 बार जाप करना चाहिए| यह विशेष फलदायी है|
भक्त को इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए, पाठ करते समय पारिवारिक तनाव, व्यापार का तनाव आदि सांसारिक अवयवों को कुछ समय के लिए अपने मन से निकाल दे | इस समय केवल हनुमानजी का ध्यान करें, और पाठ करते समय उसके अर्थ को महसूस करते रहें |
तुलसीदास ने हनुमान चालीसा क्यों लिखा
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि | बरनउँ रघुबर बिमल जसु , जो दायकु फल चारि || बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ||
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर | जय कपीस तिहुं लोक उजागर ||
राम दूत अतुलित बल धामा | अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ||
महावीर विक्रम बजरंगी | कुमति निवार सुमति के संगी ||
कंचन बरन बिराज सुवेसा | कानन कुण्डल कुंचित केसा ||
हाथ बज्र और ध्वजा विराजै | काँधे मूँज जनेऊ साजै ||
शंकर सुवन केसरी नन्दन | तेज प्रताप महा जग वन्दन ||
विद्यावान गुणी अति चातुर | राम काज करिबे को आतुर ||
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया | राम लखन सीता मन बसिया ||
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा | विकट रूप धरि लंक जरावा | |
भीम रूप धरि असुर सहारे | रामचंद्र के काज संवारे ||
लाय संजीवन लखन जियाये | श्री रघुवीर हरषि उर लाये ||
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई | तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||
सहस बदन तुम्हरो यश गावै | अस कही श्रीपति कंठ लगावैं ||
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा | नारद सारद सहित अहीसा ||
यम कुबेर दिकपाल जहाँ ते | कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते ||
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा | राम मिलाय राजपद दीन्हा ||
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना | लंकेश्वर भये सब जग जाना ||
जुग सहस्त्र योजन पर भानू | लिल्यो ताहि मधुर फल जानू ||
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं | जलधि लांघि गए अचरज नाहीं || आप पढ़ रहे हैं Hanuman chalisa lyrics
दुर्गम काज जगत के जेते | सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||
राम दुआरे तुम रखवारे | होत न आज्ञा बिनु पैसारे ||
सब सुख लहै तुम्हारी सरना | तुम रक्षक कहु को डरना ||
आपन तेज सम्हारो आपै | तीनों लोक हाँक तें काँपे ||
भूत पिशाच निकट नहिं आवै | महावीर जब नाम सुनावै ||
नासै रोग हरै सब पीरा | जपत निरंतर हनुमत बीरा ||
संकट ते हनुमान छुडावै | मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ||
सब पर राम तपस्वी राजा | तिनके काज सकल तुम साजा ||
और मनोरथ जो कोई लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ॥
चारो युग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकन्दन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता | अस वर दीन जानकी माता ||
राम रसायन तुम्हरे पासा | सदा रहो रघुपति के दासा ||
तुम्हरे भजन राम को पावै | जनम जनम के दुख बिसरावै ||
अन्त काल रघुवर पुर जाई | जहाँ जन्म हरी भक्त कहाई ||
और देवता चित्त न धरई | हनुमत सेई सर्व सुख करई ||
संकट कटै मिटै सब पीरा | जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||
जय जय जय हनुमान गोसाईं | कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ||
जो सत बार पाठ कर कोई | छूटहिं बंदि महा सुख होई ||
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा | होय सिद्धि साखी गौरीसा ||
तुलसीदास सदा हरि चेरा | कीजै नाथ ह्रदय महँ डेरा ||
पवनतनय संकट हरन | मंगल मूरति रूप ||
राम लखन सीता सहित | ह्रदय बसहु सुर भूप ||
हनुमानजी का पावरफुल मंत्र
हाथ में पुष्प लेकर हनुमानजी का स्मरण एवं ध्यान करके निम्नलिखित मंत्र को पढ़ना चाहिए | इस मंत्र से आपकी सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है |
अतुलित बलधामम् हेमशैलाभ् देहम् , दनुज वन कृशानुम् ज्ञानिनाम ग्रगण्यम|
सकल गुण निधानम् वानराणाम् धीशम्, रघुपति प्रिय भक्तवात जातम् नमामी ||
मनोजवं मारुत तुल्य वेगम्, जितेन्द्रियं बुद्धिमता वरिष्ठम् |
वातात्मजं वानर यूथथ मुख्यम, श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये ||