स्पेंगलर एवं टॉयनबी का सामाजिक परिवर्तन का चक्रिय सिद्धांत
(Spengler and Toynbee’s Cyclical theory of Social change)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] जर्मन दार्शनिक ओसवाल्ड स्पेंगलर (Oswald Spengler) ने सामाजिक परिवर्तन का चक्रिय सिद्धांत प्रस्तुत किया| अपनी पुस्तक “दी डिक्लाइन आफ द वेस्ट” (The decline of the west) में उद्विकासीय सिद्धांत की आलोचना करते हुए कहते हैं कि परिवर्तन कभी भी रेखीय नहीं हो सकता| सामाजिक परिवर्तन चक्रिय ही होता है| उनके अनुसार जैसे … Read more

सोरोकिन का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत
(Sorokin’s Theory of Social change)

सोरोकिन ने अपनी पुस्तक सोशल एण्ड कल्चरल डायनमिक्स (Social and cultural dynamics) में सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक गतिशीलता का सिद्धांत प्रस्तुत किया| उनके अनुसार संस्कृति एक सामूहिक मनोवृत्ति हैं, जो पूरे समाज में व्याप्त रहती है| जब संस्कृति अर्थात सामूहिक मनोवृत्ति में परिवर्तन होता है, तो समाज में भी परिवर्तन दिखाई देता है| सोरोकिन आगे … Read more

वेबलेन का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धान्त
(Thorstein Veblen’s theory of Social change)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] वेबलेन सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिक दशाओं को प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी मानते हैं| उनके अनुसार प्रौद्योगिकीे ही समाज की संस्कृति को निर्धारित करती है| इसलिए उन्हें प्रौद्योगिक निर्धारणवादी (Technological deterministic) कहा जाता है| वेबलेन के अनुसार सामाजिक परिवर्तन दो वर्गों के बीच विद्यमान संघर्ष पर निर्भर करता है| एक वर्ग जो … Read more

मार्गन का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत
(L.H. Morgan’s Theory of Social change)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] मार्गन ने अपनी पुस्तक एन्सिएन्ट सोसाइटी (Ancient Society) में सांस्कृतिक परिवर्तन के आधार पर सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या की है| उनके अनुसार संस्कृति एवं सभ्यता में होने वाला परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन के रूप में सामने आता है| परिवर्तन के आधार के रूप में उन्होंने आर्थिक गतिविधियाँ, विशेष उपकरण एवं सामाजिक संगठन को … Read more

स्पेंसर का उद्विकासीय सिद्धांत
(Herbert Spencer’s Theory of evolution)

spencer ka udvikas ka siddhant

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] spencer ka samajik udvikas ka siddhant spencer ka udvikas ka siddhant\niyam; स्पेन्सर ने जीव वैज्ञानिक डार्विन के विचारों के आधार पर समाज के उद्विकासीय स्वरूप को दर्शाने का प्रयास किया|डार्विन ने प्राकृतिक चयन (Natural Selection) का जो नियम जानवरों एवं पौधों के बारे में दिया था, उसे  स्पेन्सर ने जीव विज्ञान से … Read more

कार्ल मार्क्स का वर्ग संघर्ष का सिद्धांत
(Karl Marx’s Theory of Class Struggle)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit [wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] कार्ल मार्क्स का सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत वर्ग संघर्ष के सिद्धांत के नाम से जाना जाता है मार्क्स के अनुसार सामाजिक परिवर्तन का मूल कारण उत्पादन प्रणाली (Mode of Production) में परिवर्तन है| उत्पादन प्रणाली को वे समाज की आर्थिक संरचना (Economic Structure) कहते हैं| उनके अनुसार जब उत्पादन … Read more

कॉम्टे का त्रिस्तरीय नियम
(Comte’s Law of three stages)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] कॉम्टे के अनुसार बौद्धिक विकास सामाजिक परिवर्तन का सबसे महत्वपूर्ण कारक है| उन्होंने अपनी पुस्तक दी कोर्स इन पॉजिटिव फिलोसोफी (The Course in Positive Philosophy) में सामाजिक उद्विकास के त्रिस्तरीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया| यहां बौद्धिक विकास का तात्पर्य विचारों में होने वाले परिवर्तन से है| उद्विकासीय चिंतक होने के नाते कॉम्टे … Read more

सामाजिक परिवर्तन के सिद्धांत
(Theories of Social Change)

[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] सामाजिक परिवर्तन के सिद्धांत को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जा सकता है – (1) रेखीय सिद्धांत (Lineal Theory) (2) चक्रिय सिद्धांत (Cyclical Theory) रेखीय सिद्धांत (Lineal Theory) रेखीय सिद्धांत के अंतर्गत उन परिवर्तनों को शामिल किया जाता है, जो एक सीधी रेखा में एवं एक निश्चित दिशा में होता है| … Read more

सामाजिक परिवर्तन से सम्बन्धित विभिन्न अवधारणाएँ
(Concepts relating to Social Change)

[wbcr_php_snippet id=”362″] उद्विकास (Evolution) उद्विविकास का तात्पर्य समाज का धीमा, क्रमिक एवं एक निश्चित दिशा में होने वाला परिवर्तन है| यह एक आंतरिक परिवर्तन (Endogenous Change) होता है| इसे नियत परिवर्तन (Orthogenetic Change) भी कहते हैं| इसमें समाज क्रमशः एक अवस्था से दूसरे एवं दूसरे से तीसरे में परिवर्तित होता है, जैसे – जनजातीय समाज … Read more

सामाजिक परिवर्तन के कारक
(Factors of Social Change)

सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा, विशेषताएं एवं परिवर्तन  के लिए यहाँ क्लिक करें – सामाजिक परिवर्तन (Social Change) सामाजिक संरचना में प्रत्येक इकाई का यह प्रयास रहता है कि वह प्रदत्त प्रस्थिति से उपर आकर अर्जित स्थिति को प्राप्त करें| इस प्रयास में वह अपनी योग्यता एवं कुशलता का प्रदर्शन करता है, जिसके कारण वह अपने … Read more

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