स्पेंगलर एवं टॉयनबी का सामाजिक परिवर्तन का चक्रिय सिद्धांत
(Spengler and Toynbee’s Cyclical theory of Social change)
(Spengler and Toynbee’s Cyclical theory of Social change)
[wbcr_php_snippet id=”362″ title=”before_post_ad_unit”] जर्मन दार्शनिक ओसवाल्ड स्पेंगलर (Oswald Spengler) ने सामाजिक परिवर्तन का चक्रिय सिद्धांत प्रस्तुत किया| अपनी पुस्तक “दी डिक्लाइन आफ द वेस्ट” (The decline of the west) में उद्विकासीय सिद्धांत की आलोचना करते हुए कहते हैं कि परिवर्तन कभी भी रेखीय नहीं हो सकता| सामाजिक परिवर्तन चक्रिय ही होता है| उनके अनुसार जैसे … Read more